कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी के रायबरेली और वायनाड दोनों से जीतने वाले सवाल पर चुप्पी तोड़ी है। खरगे ने राहुल गांधी की रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से जीतने वाली बात पर कहा है कि यह राहुल गांधी का व्यक्तिगत निर्णय होगा की वह कौन सी सीट छोड़ेंगे और कहां से सांसद बन कर संसद पहुंचेंगे।
पीटीआई के साथ इंटरव्यू में खरगे ने अन्य कई मुद्दों पर बात की। खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष को एकजुट रखने के लिए कम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला सोच-समझकर लिया है। खरगे ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी को हराने की रणनीति के तहत इस लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी के अविश्वास को नहीं दिखाता है।
पहली बार कांग्रेस लड़ रही है सबसे कम सीटों पर चुनाव
1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक के इतिहास में कांग्रेस पहली बार देश में सबसे कम 328 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जबकि बाकी की 200 से अधिक सीटों पर इंडिया(गठबंधन) की अन्य पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने 1996 में सबसे ज्यादा 529 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
सहयोगी दलों को साथ लेकर चल रहा इंडिया गठबंधन
खरगे ने कहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रभाव रखने वाले अन्य दलों को इंडिया(गठबंधन) ने पर्याप्त मौका दिया है। इंडिया(गठबंधन) की जीत सुनिश्चित करने के लिए यह समझौता किया गया है। यह समझौता गठबंधन में जुड़ी सभी पार्टियों और साझेदारों को एकजुट रखने के लिए किया गया है और इसलिए कांग्रेस कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
प्रियंका का चुनाव न लड़ना सही- खरगे
खरगे ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी की पूंजी बताते हुए उनके चुनाव न लड़ने के फैसले को सही ठहराया है। साथ ही खरगे ने प्रियंका गांधी को स्टार प्रचारक बताते हुए कहा कि उन्हें एक सीट पर व्यस्त नहीं किया जा सकता, उन्हें ज्यादातर लोकसभा सीटों पर प्रचार करने के लिए भी जाना हैं इसलिए प्रियंका गांधी के किसी भी सीट से चुनाव न लड़ने के फैसले को सही बताया है। लोकसभा चुनाव के शुरुआती दौर में कयास ये लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी कांग्रेस का गढ़ रही पारंपरिक सीट अमेठी या रायबरेली सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन ये सारे कयास धरे के धरे रह गए।
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