नई दिल्ली, 26 नव.
दिल्ली के लाल किला मैदान में भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव का आयोजन किया गया । निर्वाण महोत्सव का शुभारम्भ राष्ट्रसंत आचार्य श्री प्रज्ञासागर जी मुनिराज और आचार्य श्री पुष्पदंत सुनील सागर जी मुनिराज ने किया। आयोजन में अहिंसा रथ में विराजित भगवान महावीर की प्रतिमा का 2550 कलशों से महाभिषेक भी किया गया। महोत्सव में जैन धर्म के ध्वज को फहराया गया और वहां पर मौजूद सभी लोगों ने जैन धर्म के गीत को गाया। निर्वाण महोत्सव में 108 से अधिक दिगंबर जैन साधू और साध्वी भी उपस्थित रहे। इस महोत्सव का आयोजन प्राचीन श्री दिगंबर लाल जैन पंचायत द्वारा कराया गया था।
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण 527 ईसापूर्व कार्तिक कृष्ण अमावस्या को बिहार के पावापुरी में हुआ था। भगवान महावीर ने जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत को बताया था जो सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रम्हचर्य हैं।
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भी इस आयोजन में मौजूद रहे। सचदेवा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है - जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का प्रमुख संदेश, 'जियो और जीने दो ' है।
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