बीकानेरी भुजिया की तरह तीखी है यहां की राजनीति...

बीकानेर

राजस्थान की बीकानेर लोकसभा ने बड़े-बड़े दिग्गजों को यहां से संसद भेजा है। मोदी सरकार में बने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी इसी सीट से सांसद हैं।

बीकानेर के किलों की तरह ही यहां की राजनीति भी लंबे समय तक चलने वाली है।

शुरुआत आजादी के बाद हुए लोकसभा चुनाव से होती है 1952 में बीकानेर के महाराजा करणी सिंह यहां से निर्दलीय जीत हासिल कर संसद पहुंचे। महाराजा करणी सिंह लगभग दो दशकों से ज्यादा यहां के सांसद बने रहे। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी के हरिराम गोदरा यहां के सांसद बने। अगली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मनफूल सिंह चौधरी यहां से सांसद बने और 1984 में भी जीत हासिल किया। इसके बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सोपत सिंह यहां के सांसद बने लेकिन दो सालों के बाद ही मनफूल सिंह चौधरी ने वापसी की।

11वीं लोकसभा के 1996 में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के महेंद्र सिंह भाटी यहां से चुनकर संसद पहुंचे। इसके बाद कांग्रेस के बलराम जाखर व रमेश लाल डूडी यहां से सांसद बने। कांग्रेस के वर्षों के राज के बाद भारतीय जनता पार्टी ने वापसी की और 2004 में धर्मेंद्र यहां के सांसद बने और तब से आज तक यहां की जनता ने केवल भाजपा के ही नेता को चुनकर संसद भेजा है।


रोचक तथ्य...

बीकानेर का करणी माता मंदिर या चूहा मंदिर 600 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में 25,000 काले चूहे रहते हैं और इनकी पूजा की जाती है।

आप ये जानकर शायद हैरान हों, चूहों द्वारा खाया जाने वाला खाना यहां बेहद पवित्र माना जाता है और बाद में इसे 'प्रसाद' के रूप में परोसा जाता है।


2009 में अर्जुन राम मेघवाल यहां से सांसद बने और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी यहां से चुनकर संसद पहुंचे। अर्जुन राम मेघवाल मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। 17वीं लोकसभा में भी मेघवाल इस सीट से जीते और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी केंद्रीय मंत्री का पद संभाला।

2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस ने भी पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल को चुनावी समर में उतारा है तो तो इधर भाजपा की तरफ से अर्जुन राम मेघवाल चौथी बार सांसद बनने के लिए चुनाव लड़ेंगे।

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