दिल्ली की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है।इसी कारण से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम परिवर्तन के साथ ही दिल्ली की हवा में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है । दिल्ली की हवा में प्रदूषक कणों की संख्या बढ़ती जा रही है।पिछले कई दिनों से हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' की कैटेगरी में पहुंच गई थी लेकिन बारिश होने से 'मॉडरेट' कैटेगरी में हवा की स्थिति हो गई। फिलहाल अभी भी दिल्ली की हवा में बहुत प्रदूषण है।इसके लिए केंद्र व राज्यसरकार ने कई कदम उठाए हैं।
पराली न जलाने के लिए एलजी ने लिखे पत्र
इसी महीने में उपराज्यपाल वीके सक्सेना प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा है । एलजी सक्सेना ने पत्र में कहा है की पराली जलाने का असर दिल्ली के 2करोड़ लोगों पर पड़ता है।
पीएमओ ने भी की बैठक
गौरतलब है की न केवल दिल्ली बल्कि एनसीआर में भी हवा की स्थिति ठीक नही है इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव पी के मिश्रा ने उत्तर प्रदेश , हरियाणा , पंजाब, राजस्थान के मुख्य सचिव को पराली न जलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं । पीएमओ की इस बैठक में दिल्ली से सटे राज्यों के सचिव , केंद्रीय कृषि मंत्रालय, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने भी मांगी है रिपोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से दिल्ली - एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर रिपोर्ट मांगी है।कोर्ट ने कहा की आयोग दिल्ली में वायु प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए जल्द ही प्रभावी कदम उठाए।
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